Description:‘कोर्ट मार्शल’ एक ऐसी नाट्य-रचना है जिसमें कोर्ट मार्शल जैसी सैन्य न्याय-व्यवस्था का सच उजागर हुआ है। चर्चित नाटककार स्वदेश दीपक ने अपनी इस नाट्य-रचना में बड़ी कुशलता से एक अपराधिक घटना को समूचे समाज और मानव स्वभाव से जोड़कर व्याख्यायित किया है तथा यथार्थ को देखने का नया नज़रिया दिया है। यह नाटक जितना बाहर घटित होता है उतना ही हमारे भीतर, इसलिए ‘कोर्ट मार्शल’ एक आन्दोलित करनेवाली कृति है। इस नाटक की अभिव्यक्ति में शब्दों की भूमिका पात्रों के अपने नायकत्व जैसी है। देशकाल में हमारी नागरिकता की ही नहीं हमारी मनुष्यता की भी ज़बर्दस्त शिनाख़्त कर ऊर्जा देता है यह नाटक कि अभी भी बहुत कुछ ख़त्म नहीं हुआ कि अभी भी बहुत कुछ का निर्माण फिर से फिर-फिर किया जा सकता है। इस नाटक की चरमोत्कर्ष यह है कि इसके माध्यम से हम अपराधी के बजाय मौजूदा सामाजिक ढाँचे का कोर्ट मार्शल होता हुआ देखते हैं। भारतीय समाज का कोढ़ कहलानेवाली जाति और वर्ण-व्यवस्था के अमानवीय चेहरे को बेनकाब करनेवाले इस नाटक का सन्देश है कि जब छोटे-छोटे विरोध लगातार दबा दिए जाएँ, अनसुने-अनदेखे कर दिए जाएँ तो हमेशा एक भयंकर विस्फोट होता है। यथार्थ को निकट से देखने की चेष्ट ने ‘कोर्ट मार्शल’ को बीसवीं सदी के यादगार नाटकों में श्रेणीबद्ध किया है।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with Courtmartial. To get started finding Courtmartial, you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
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