Description:महाराजाधिराज छत्रपति शिवाजी के उत्कर्ष तथा वीर शिरोमणि तानाजी मलुसरे के शौर्य से ओतप्रोत है यह उपन्यास | ऐतिहासिक दस्तावेजों की ऐसी जीवंत प्रस्तुति आचार्य चतुरसेन के अलावा कौन कर सकता है !शिवाजी का उदय उस प्रचंड अग्निशिखा के सामान हुआ जिसने मुग़ल साम्राज्य को पूरी तरह निस्तेज और निर्जीव कर दिया | सह्याद्रि के टेढ़े-मेढ़े दुर्गम मार्गों ने उन्हें गोरिल्ला युद्ध में सहज ही सिद्धहस्त कर दिया था | वे दुश्मन पर बिजली की तरह टूट पड़ते और काम तमाम कर फिर कंदराओं में लुप्त हो जाते | हफ़्तों भुने चने या मक्के के दाने खाकर भी वे दस गुनी शत्रु-सेना से दुर्घर्ष युद्ध कर सकते थे |अफजल खां का वध, शाइस्ता खां पर हमला, मिर्ज़ा राजा जयसिंह से संधि तथा औरंगज़ेब जैसे खूंखार बादशाह की कैद से निकल भागना ऐसी घटनाएँ थीं जिनसे शिवाजी लोगों के दिल-दिमाग पर छा गए | उनके पराक्रम, चातुर्य और ध्येयनिष्ठा ने हिन्दुओं में क्रांति ला दी |उपन्यास का आरम्भ भयानक अँधेरी रात, जंगल का सन्नाटा और नंगी तलवारों के साये में खून से लथपथ तानाजी से होता है; तथा अंत तोपों की गर्जन के साथ सिंहगढ़ के किले पर भगवाध्वज फहराने व लाशों के ढेर से उनकी कंचन-काया को निकलने से होता है |We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with सह्याद्रि की चट्टानें [Sahyadri ki Chattanein]. To get started finding सह्याद्रि की चट्टानें [Sahyadri ki Chattanein], you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
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